ऐ जिंदगी,
तुझे खूबसूरत करार देनें को मुझे,
किसी नाम की जरूरत नहीं|
तुझे भरपूर मानने को मुझे,
किसी वस्तु, पदार्थ की जरूरत नहीं|
तुझे अपना समझने को मुझे,
रिश्तों की, अपनों की जरूरत नहीं|
कोई हो न हो, कुछ हो न हो
तू अपने आप में खूबसूरत है|
खुदा की बख्शी यह जिंदगी
बिना किसी आलंबन, सहज ही पूर्ण है|
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