Sunday, August 28, 2011

सहज जीवन




फूल हूँ मैं
सहज खिलना मेरा,
सहज मुस्कुराना मेरा
और सहज ही मुरझाना मेरा|
तप, त्याग मैं क्या जानूं?
प्रभु चरणों में अर्पण हो जाऊं|

पंछी हूँ मैं
सहज है गान मेरी
सहज ही उड़ान
सहज जीना-मरना मेरा|
ज्ञान ध्यान मैं क्या जानूं?
अनंत आकाश में बस विचरना चाहूँ |

नदिया हूँ मैं
सहज है बहना मेरा,
सहज मार्ग ढूंढना
और सहज गंतव्य तक पहुंचना मेरा|
साधना-आराधना मैं क्या जानूं?
प्रभु प्रीतम सागर में विलीन हो जाऊं|

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