हर पल अनमोल
हर लम्हा ज़िन्दगी का
है खूबसूरत,अनमोल,
फिर कुछ ही लम्हें
हम मानते ख़ास क्यों?
कितने पलों की क़ुरबानी पर
बनते ये कुछ पल ख़ास|
हर दिन जिंदगी का
एक नायाब तोहफा है,
फिर कुछ ही दिन
हम मानते यादगार क्यों?
कितने दिनों के इंतज़ार ने
किया वो एक दिन साकार|
आज के, अभी के पल में
क्या ख़ूबसूरती की कमी है?
जो ये नादान दिल
अतीत के मधुर पलों का
बार बार रसपान करता,
या फिर भविष्य की
सुनहरी ख्वाबों के नगर
के सैर सपाटे करने निकल जाता|
आज का ये पल, ये क्षण
गीली मिटटी है हमारे हाथों में,
जो चाहे इसे हम आकार दे दें
यही पल हमारी कर्म भूमि है|
No comments:
Post a Comment