Kala
Sunday, July 24, 2011
खेत तैयार है
प्रभु नाम जप के हल से
खेत जोया
तमन्ना, कामना, इच्छा का
हर कंकड़, पत्थर निकाल फेंका,
श्रद्धा का बीज भी बो दिया
आत्मा की खेत अब तैयार है
बस, प्रभु कृपा की
अब सावन बरस जाए|
1 comment:
Rakesh Kumar
July 24, 2011 at 8:17 AM
आपकी प्रस्तुतियाँ अदभुत एवम अनमोल हैं.
आप मेरे ब्लॉग पर एक बार अवश्य आईयेगा.
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आपकी प्रस्तुतियाँ अदभुत एवम अनमोल हैं.
ReplyDeleteआप मेरे ब्लॉग पर एक बार अवश्य आईयेगा.