Sunday, August 28, 2011

तन-मन के परे

 तन में हूँ मैं,
 मन में हूँ मैं,
 तन-मन में केन्द्रित हूँ मैं|
तन के एहसास में,
मन के भाव में,
तन्मयता है, एकरसता है|
 पर तन से हटना है,
मन से सरकना है
 परे इन दोनों के होना है|
असली केंद्र को ढूंढना है
मूल तत्त्व को पहचानना है
आत्म में रमना है|  

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